योगी आदित्यनाथ के ‘बटाओगे तो कटोगे’ बयान पर संघ का समर्थन: राष्ट्रवादी एजेंडे पर स्पष्टता की मांग
26 October 2024 17:03 IST
| लेखक:
The Pillar Team
BJP

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के विवादित ‘बटाओगे तो कटोगे’ बयान ने राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा दी है। योगी आदित्यनाथ के इस बयान के बाद राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) ने खुलकर उनका समर्थन किया है, जिससे यह स्पष्ट हो गया कि संघ और सरकार के बीच राष्ट्रवादी मुद्दों पर आपसी सामंजस्य है।
क्या कहा था योगी आदित्यनाथ ने?
हाल ही में योगी आदित्यनाथ ने एक जनसभा में, कानून व्यवस्था और भ्रष्टाचार पर सख्त रुख अपनाते हुए कहा था, “अगर अपराधी सरेंडर करेंगे तो उनकी रक्षा की जाएगी, लेकिन अगर वे ‘बटाओगे’ तो ‘कटोगे’।” इसका सीधा तात्पर्य यह है कि सरकार अपराध को बर्दाश्त नहीं करेगी और राज्य में सुरक्षा बनाए रखने के लिए सख्त कदम उठाएगी।
संघ ने क्यों किया समर्थन?
आरएसएस का मानना है कि योगी आदित्यनाथ का यह बयान राष्ट्र की सुरक्षा और कानून-व्यवस्था को लेकर उनकी प्रतिबद्धता को दर्शाता है। संघ का तर्क है कि अपराध और असामाजिक तत्वों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की आवश्यकता है, और ऐसे बयानों से समाज में संदेश जाता है कि सरकार किसी भी आपराधिक गतिविधि पर समझौता नहीं करेगी।
विपक्ष की आलोचना और जनता की प्रतिक्रिया
हालांकि, विपक्ष ने इसे ‘अलोकतांत्रिक’ करार देते हुए कहा है कि ऐसे बयानों से सरकार का दमनकारी चेहरा सामने आता है। समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी के नेताओं ने इसे सांप्रदायिक और विभाजनकारी करार दिया। दूसरी ओर, जनता में इस बयान पर मिली-जुली प्रतिक्रिया देखने को मिल रही है। कई लोग इसे मुख्यमंत्री के सख्त कानून व्यवस्था के प्रति सकारात्मक कदम मान रहे हैं, वहीं कुछ इसे अत्यधिक कट्टरता मानते हैं।
क्या है सरकार का उद्देश्य?
उत्तर प्रदेश सरकार का मानना है कि राज्य को अपराध मुक्त बनाना और अपराधियों में कानून का डर बनाए रखना आवश्यक है। योगी सरकार का कहना है कि पिछले कुछ वर्षों में आपराधिक मामलों में गिरावट आई है और यह सिर्फ कड़े कानून लागू करने के कारण ही संभव हुआ है।
निष्कर्ष
योगी आदित्यनाथ का ‘बटाओगे तो कटोगे’ बयान और उस पर संघ का समर्थन देश में कानून व्यवस्था और अपराध की ओर सरकार के कठोर दृष्टिकोण को दर्शाता है। यह देखा जाना बाकी है कि इस बयान का राज्य की कानून व्यवस्था पर क्या असर होगा, लेकिन संघ और सरकार के एकजुट होकर इसे समर्थन देने से यह स्पष्ट हो गया है कि अपराध के खिलाफ सख्त कदम उठाने की दिशा में सरकार किसी भी तरह का समझौता नहीं करेगी।