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उत्तर प्रदेश में 10 सीटों पर हुए राज्यसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी के साथ बड़ा खेल हुआ

  यह लेख 29 February 2024 का है।

उत्तर प्रदेश में 10 सीटों पर हुए राज्यसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी के साथ बड़ा खेल हुआ


उत्तर प्रदेश में 10 सीटों पर हुए राज्यसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी के साथ बड़ा खेल हुआ समाजवादी पार्टी के साथ विधायकों ने एनडीए को वोट किया क्रॉस वोटिंग के कारण राज्यसभा की 8 सीट पर बीजेपी की जीत हुई भाजपा के आरपीएन सिंह सुधांशु त्रिवेदी और तेजवीर सिंह चुनाव जीते हैं वही साधना सिंह अमरपाल मौर्य संगीता बलवंत नवीन जैन और संजय सेठ की भी जीत दर्ज की गई है समाजवादी पार्टी को दो सीटों पर जीत मिली है जया बच्चन और रामजीलाल सुमन राज्यसभा पहुंच गए हैं जबकि वहीं तीसरे उम्मीदवार आलोक रंजन की हार हुई है।

राज्यसभा चुनाव में बंपर जीत के बाद भारतीय जनता पार्टी मैं जश्न मनाने का माहौल है वहीं समाजवादी पार्टी ने बीजेपी को जीत के लिए लोकतंत्र का मजाक बताया है अखिलेश यादव ने क्रॉस वोटिंग करने वाले विधायकों पर कार्यवाही की बात क्या ही है लेकिन क्या आप जानते हैं कि समाजवादी पार्टी के विधायकों ने आखिर अपनी पार्टी का साथ क्यों छोड़ दिया और क्रॉस वोटिंग कर एनडीए उम्मीदवार को क्यों जीत दिलवा दी।

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सबसे पहले पूजा पाल की बात करते हैं उमेश पाल के हथियारों को तत्काल सजा देने की वजह से कम की तारीफ की और भाजपा की तरफ रुख किया।

दूसरा अभय सिंह लॉरेंस बिश्नोई गैंग ने अभय सिंह को धमकी दी थी और उनकी हत्या की साजिश हो रही थी यूपी सरकार ने आरोपियों को पकड़वाया और इस वजह से ही अभय सिंह बीजेपी के करीबआए।

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तीसरे नंबर पर आते हैं राकेश सिंह सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव से नाराज थे क्योंकि दो ऐसे बड़े मामले आए जिसमें अखिलेश ने सपोर्ट नहीं किया पहले जब गौरीगंज में झगड़ा हुआ राकेश प्रताप का जो सियासी हो गया और दूसरा जब लखनऊ में धरने पर बैठेथे।

राकेश पांडे जो अपने बेटे रितेश पांडे को अंबेडकर नगर से टिकट न देकर लाल जी वर्मा को टिकट देने सेनाराज थे।

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आखिर में विनोद चतुर्वेदी जो भाजपा के एक बड़े नेता के बहुत करीबी है इसी वजह से अखिलेश कई बार उनसे मिलने के लिए मना कर देते हैं।


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