यह लेख 21 November 2023 का है।
शुरुआती जीवन के संघर्ष और प्रयत्नों ने मोहम्मद शमी को बनाया विश्व कप का स्टार।
21 November 2023 19:43 IST
| लेखक:
The Pillar Team
Cricket
न्यूजीलैंड के खिलाफ सेमीफाइनल में 7 विकेट लेने वाले मोहम्मद शमी वर्ल्ड कप के मैच के सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले बॉलर बन गए हैं चारों ओर उनके चर्चे हो रहे हैं यहां तक की सोशल मीडिया पर लोगों ने सेमीफाइनल को शमी फाइनल का नाम दे दिया यहां तक की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी एक्सपर्ट ट्वीट करके मोहम्मद शमी की जमकर तारीफ की और कहा कि उनकी यह जादुई गेंदबाजी सदियों तक याद रखी जाएगी लेकिन क्या आप जानते हैं आज वर्ल्ड कप में चारों ओर अपने नाम का डंका बजाने वाले मोहम्मद शमी का शुरुआती जीवन बहुत ही संघर्ष पूर्ण रहा है उनकी यह कामयाबी बहुत ही परिश्रम के बाद मिली है तो आज हम बात करेंगे की मोहम्मद शमी ने कैसे अपने क्रिकेट करियर की शुरुआत की थी।
आपको बता दे की मोहम्मद शमी का जन्म उत्तर प्रदेश के अमरोहा में तौसीफ अली अहमद और अंजुम आरा के घर हुआ था उनके पिता किसान थे जो युवावस्था में क्रिकेटर बनना चाहते थे और तीन गेंदबाजी करते थे लेकिन उन्हें अपना करियर बनाने का अवसर नहीं मिला जिसके बाद वह किसानी करने लगे शमी को बचपन से ही क्रिकेट का शौक था उन्हें गांव में जहां भी जगह मिलती वे गेंदबाजी करने लगते थे कुछ समय में वह आसपास की इलाकों में तेज बॉलर के रूप में प्रसिद्ध हो गए इसके बाद 2005 में उनके पिता ने शमी की गेंदबाजी की क्षमता को पहचाना और गांव से 22 किलोमीटर दूर मुरादाबाद में क्रिकेट कोच बदरुद्दीन के पास लेकर गए इसके बाद शमी ने वहां पर गेंदबाजी सीखनी शुरू की शमी ने उत्तर प्रदेश से खेल की शुरुआत की लेकिन वहां उन्हें सफलता नहीं मिली वह अंदर-19 में भी अपनी जगह नहीं बना सके इसके बाद उनके कोच ने उन्हें कोलकाता जाकर ट्रेनिंग लेने की सलाह द 16 साल की उम्र में कोलकाता में शमी ने डलहौजी एथलेटिक क्लब के लिए खेलना शुरू किया और यही देवव्रत दास की नजर उन पर पड़ी उन्हें शमी की स्पीड के साथ अनुशासन बेहद पसंद आया इसके बाद उन्होंने बंगाल क्रिकेट एसोसिएशन की चयन समिति के सामने मोहम्मद शमी की गेंदबाजी की पर भी की जहां उन्हें चुन लिया गया शमी ने 2010 में बंगाल के लिए रणजी ट्रॉफी खेला पहला प्रथम श्रेणी मुकाबला खेला जिसके बाद 2012 में शमी को भारत में चुना गया 2013 में उन्हें राष्ट्रीय टीम के लिए खेलने का मौका मिला और तब से अब तक सफलता का वह दौड़ जारी है और पूरी दुनिया में शमी के नाम का डंका बज रहा है लेकिन इस बीच शमी को काफी सारी चीजों से गुजरना पड़ा।
आपको बता दे की 2018 में कई राष्ट्रीय न्यूज़ चैनल पर इंटरव्यू के दौरान समीर रोटी और सफाई देते भी नजर आए थे उन पर घरेलू हिंसा मैच फिक्सिंग और दूसरी महिलाओं के साथ संबंध रखने के आप उनकी पत्नी ने लगाए थे उन पर तब ऐसा लगा था कि शमी का करियर शुरू होने से पहले ही खत्म हो जाएगा लेकिन शमी ने हार नहीं मानी और खराब दौर में भी खेल को निकालने में जुटे रहे मोहम्मद शमी की यह कहानी संघर्षों से भरी हुई है कोविद-19 के दौरान इंस्टाग्राम लाइव पर शमी रोहित शर्मा के साथ बातचीत कर रहे थे तभी उन्होंने बताया कि उनकी जिंदगी में एक समय ऐसा भी था जब पारिवारिक कलह के चलते उनके मन में सुसाइड जैसे ख्याल भी आते थे इसकी तीन बार कोशिश भी की उन्होंने समय कितने जीवित खिलाड़ी है उसे एक घटना से समझा जा सकता है साल 2016 में न्यूजीलैंड के खिलाफ कोलकाता में टेस्ट था शमी ने 6 विकेट चटकाए भारत आसानी से जीत गया लेकिन मैच के बाद पता चला कि उनकी 14 महीने की बेटी पूरे वक्त आईसीयू में थी शमी खेल खत्म कर अस्पताल जाते और फिर अगले दिन मैदान में अपना जोर लगाकर भारत के लिए खेलते।
साथ ही सोशल मीडिया पर भी मोहम्मद शमी को कई बार ट्रोलिंग का शिकार होना पड़ा 2018 में उन्होंने नए साल की शुभकामनाएं देते हुए सोशल मीडिया पर एक फोटो शेयर की थी जिसमें शिवलिंग बना हुआ था इस पर फूलों से हैप्पी न्यू ईयर 2018 लिखा हुआ था ईश्वर बड़ी संख्या में उनके समुदाय के लोगों ने विरोध जताते हुए ट्रोल किया था उन्हें धर्म का ज्ञान पढ़ाया था इसके बाद 2021 में आईसीसी में’एस T20 वर्ल्ड कप में पाकिस्तान से मैच के दौरान उन्हें सोशल मीडिया पर काफी ट्रोल किया गया उन्होंने 43 रन दिए हुए मैच में सबसे महंगे गेंदबाज रहे ऐसे में मुस्लिम खिलाड़ी होने के कारण ट्रोल किए गए शुरुआती दिनों में भी उन्होंने काफी संघर्ष किया बंगाल में उनके पास रहने के लिए घर नहीं था कई बार वेट डलहौजी क्लब के अंदर लगे टेंट में रातें गुजरते थे इसके पहले 2016 में भी उनके भाई मोहम्मद हबीब को पुलिस ने गिरफ्तार किया था उन पर गौर तस्करों को छुड़ाने के लिए दबाव बनाने का भी आरोप लगा था लेकिन इन सब मुश्किलों के बाद भी मोहम्मद शमी डटे रहे और उन्होंने अपने सपनों को कभी नहीं छोड़ा और आज नतीजा सबके सामने है।
आपको बता दे कि बुधवार को सेमीफाइनल में 7 विकेट लेने के साथ ही विश्व कप में कुल 50 विकेट पूरे विश्व कप में लेने वाले इकलौते भारतीय गेंदबाज शमी है शमी ने 187 अंतरराष्ट्रीय मैच में 64 टेस्ट 100 वनडे और 23 T20 खेले हैं जिसमें 447 विकेट उनके नाम है।