सड़क पर शिक्षक, रोता छात्र: SSC घोटाले के खिलाफ न्याय की लड़ाई
2 August 2025 20:06 IST
| लेखक:
The Pillar Team
India

“पढ़ा लिखा नौजवान दिल्ली की सड़कों पर रो रहा है… किसी की का फॉर्म रद्द हुआ, किसी की परीक्षा… और किसी को बिना गलती के डंडा खा कर बस में ठूंस दिया गया।
यह कोई फिल्म नहीं, SSC का असली चेहरा है…”SSC (Staff Selection Commission) की 2025 की परीक्षाओं में लगातार गड़बड़ियां – फेज 13 परीक्षा का अचानक रद्द होना, बार-बार तकनीकी खराबी, सिस्टम क्रैश, सेंटर की दूरियाँ (कई छात्रों को 500km दूर भेजा गया), एडमिट कार्ड समय पर न मिलना, परीक्षा केंद्रों पर दुर्व्यवहार, और पेपर लीक के आरोप।
31 जुलाई 2025 को दिल्ली के जंतर मंतर पर जो दृश्य देखने को मिला हुआ हैरान -परेशान – स्तब्ध करने वाला था ।क्योंकि जो शिक्षक -टीचर या कहें गुरुजी , विद्यार्थियों को अंधेरे से निकाल कर सफलता के उजाले की ओर ले जाते हैं । वह शिक्षक वह गुरुजी बच्चों के हक के लिए न्याय के लिए सड़कों पर उतरे तो लाठिया मिली – हिरासत मिली और पुलिस का प्रकोप मिला । वह तमाम शिक्षक – नीतू मैम – अविनाश सर – राकेश यादव – आदित्य रंजन आदि । जो तस्वीर जंतर मंतर से आई वह हम सबको परेशान – विचलित करने वाली थी । परेशानी की बात इसलिए क्योंकि गुरु अपने विद्यार्थीयों की हक की बात करने आए थे ।
एक शिक्षक का टूटा हुआ हाथ दिखाई दिया तब लगा कि चोट व्यक्ति की नहीं व्यवस्था की है । बर्बरता की चोट है जो न्याय देने से डरती है प्रश्न उठता है क्या हम ऐसे ही विश्व गुरु बनेंगे ? क्या ऐसे ही हम विकसित भारत बनेंगे ? यहां गुरु को सजा मिले । क्योंकि छात्रों की आवाज उठाता है देखा जाए तो यह चोट शिक्षक के शरीर पर नहीं भारत के सपनों और भविष्य के कर्णधारों के घाव हैं । नौकरी या सरकार को अपनी सेवा देने की आस लगाए बैठे हैं ।
यह पीड़ा प्रत्येक माता-पिता की है जो अपने बच्चों के बेहतर कल या भविष्य देना चाहते हैं या कहना गलत नहीं होगा कि जंतर मंतर पर जो प्रदर्शन हुआ वह व्यवस्था के खिलाफ चीख को दर्शाता है । सरकार लोकतंत्र का दवा तो करती है लेकिन प्रश्नों से आंख चुराती है । जब गुरु और शिक्षक दोनों सड़कों पर हैं तो उनसे हिस्से में लाठी आई । प्रश्न परीक्षा का नहीं रह जाता फिर प्रश्न सिस्टम पर होता है।
नीतू मैम का कहना है कि मेरे साथ क्या -२ हुआ जंतर मंतर पर वह तो हुआ । उस पर मैं बात नहीं सकती । लेकिन जो बच्चों के साथ हुआ उस पर बच्चों से माफी मांगे और यह पक्का करें नोटिस डाल करके भविष्य में आगे ऐसा नहीं होगा । उन्होंने कहा कम से कम अपने लेबर को ठीक कीजिए ai से प्रश्न बनाया जाता है हम भी बनाते हैं प्रश्न की प्रूफ रीडिंग की जाती है । आपने की ?
एक शिक्षक ने तो यहां तक कह डाला कि यह बड़ा घोटाला है और 3 लाख करोड़ का घोटाला है वह एक ही साल का है । अन्य शिक्षक ने बड़ा तंज कसा कि बिना पढ़े-लिखे नेता सरकार चला रहे हैं । वह शिक्षा पर पॉलिसी बनाते हैं हम उसे सिस्टम को खामियां भी नहीं बता सकते ।
शिक्षक और बच्चों की मुख्य मांगे रही हैं
- TCS को हटाकर Eduquity को मिला एग्जाम कंडक्ट कराने का ठेका क्यों?
- 2.Eduquity का पुराना रिकॉर्ड खराब है फिर टेंडर क्यों ?
- टेंडर प्रक्रिया में भाई भतीजाबाद का भी आरोप
- केंद्र में गड़बड़ी दूर दराज के शहरों में पड़ा सेंटर
- कई छात्रों को जानकारी आखिरी दिन दी गई
- कई जगह सुरक्षा अधिकारियों तैनाती नहीं थी
- तकनीकी समस्या सर्वर हो रहे थे बार-बार क्रश
- आंसर सबमिट करने में दिक्कत आ रही थी
- वेबसाइट बहुत धीमी चल रही थी
- कई छात्रों की परीक्षा छूट गई
11 . SSC निजी एजेंसी को हटाकर खुद परीक्षा आयोजित करें - परीक्षा या गड़बड़ी की सूचना समय पर मिले
- Eduquity को ब्लैक लिस्ट किया
- पूरी जांच और दूसरे को सजा मिले
“इस आंदोलन में शिक्षक पीछे नहीं रहे।
● नीतू मैम – ‘मैं पहले एक माँ हूँ, फिर एक टीचर।’
● राकेश यादव – ‘बच्चों के सपनों की लड़ाई हम सबकी है।’
● अभिनय सर, आदित्य रंजन, गोपाल वर्मा – सब सड़क पर थे, बच्चों के साथ।”
“यह आंदोलन सिर्फ नौकरी के लिए नहीं, न्याय के लिए है।
I was suggested this web site by my cousin Im not sure whether this post is written by him as no one else know such detailed about my trouble You are incredible Thanks
helloI like your writing very so much proportion we keep up a correspondence extra approximately your post on AOL I need an expert in this space to unravel my problem May be that is you Taking a look forward to see you
Magnificent beat I would like to apprentice while you amend your site how can i subscribe for a blog web site The account helped me a acceptable deal I had been a little bit acquainted of this your broadcast offered bright clear idea