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राजस्थान स्थित अजमेर के केकड़ी उपखंड के 13 गांव में हर दूसरे घर की लड़की फुटबॉल खेलता है

राजस्थान स्थित अजमेर के केकड़ी उपखंड के 13 गांव में हर दूसरे घर की लड़की फुटबॉल खेलता है

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राजस्थान स्थित अजमेर के केकड़ी उपखंड के 13 गांव में हर दूसरे घर की लड़की फुटबॉल खेलता है इस गांव की 550 लड़कियां फुटबॉलर है 245 बेटियां अपने बाल विवाह के खिलाफ खड़ी हो चुकी है बहुतों ने सगाईयां तोड़ दी। 6 बेटियां डी लाइसेंस हासिल कर कोच बन चुके हैं। इस बदलाव की बड़ी सूत्रधार रही है महिला जन अधिकार समिति की डायरेक्टर इंदिरा पंचोली।

पंचोली ने बताया कि बाल विवाह रोकने के सिलसिले में जब वह बंगाल गई थी तो उन्होंने देखा कि गांव की बच्चियों स्कूल के बाद थानों में बने मैदान में फुटबॉल खेलती थी वह लोग स्कूल बैग में कपड़े लेकर आते थे इस समय उन्होंने उठाने की अपने जिले अजमेर में भी वह इसी तरीके का बदलाव लाएंगे इसके लिए गांव में खेल उत्सव लगाया गया घोषणा करवाई की जो बेटी फुटबॉल खेलना चाहती है वह आ सकती है पर जब प्रैक्टिस और प्रतियोगिताओं के लिए बाहर जाने के बाद आती थी तो घर वालों ने रोक दिया कारण बताया कि फुटबॉल लड़कों का खेल है लड़कियों का नहीं हाथ पांव टूट गए तो शादी कौन करेगा गांव बाहर जाने से लड़कियों के बारे में लोग गलत धारणा बनाएंगे।

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यह सब हालात जब पैदा होने लगे तब तक बेटियों का फुटबॉल से लगाव हो चुका था लड़कियां अपने लिए खड़ी होने लगी थी पुलिस प्रशासन तक जब बात पहुंची तो इससे बड़ा बदलाव यह हुआ की बेटियों ने खुलकर फुटबॉल खेल बहुत बार यह भी हुआ कि स्टेट टूर्नामेंट में जो दो टीम में फाइनल खेली वह दोनों ही महिला जन अधिकार समिति की ओर से तैयार की गई टीमें थी


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