महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव 2024 में भारतीय जनता पार्टी ने एक बार फिर से अपनी राजनीतिक ताकत का प्रदर्शन करते हुए बड़ी जीत हासिल की है
23 November 2024 18:45 IST
| लेखक:
The Pillar Team
Election News

महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव 2024 में भारतीय जनता पार्टी ने एक बार फिर से अपनी राजनीतिक ताकत का प्रदर्शन करते हुए बड़ी जीत हासिल की है इस जीत में पार्टी के विचारधारा से जुड़े नारे ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का नारा बाटोगे तो काटोगे और प्रधानमंत्री मोदी का नारा एक है तो सेफ है यह तो आपको याद ही होगा और लगता है कि महाराष्ट्र की जनता के बीच भी यह बात गहराई तक पहुंची जिसकी वजह से बीजेपी को मजबूत जन समर्थन मिला।
योगी आदित्यनाथ का यह नारा राष्ट्रीय एकता और सांप्रदायिक सौहार्द का संदेश देने के साथ-साथ विपक्ष की राजनीति पर निशाना साधने के लिए दिया गया था इस नारे का सीधा मतलब था कि जो लोग समाज को बांटने की राजनीति करेंगे वह अंततः हार का सामना करेंगे। इस नारे का इस्तेमाल विपक्षी दलों के गठबंधन के खिलाफ किया गया जिन्हें भाजपा ने मौका परस्त और विरोधाभासी कर दिया योगी आदित्यनाथ की रैलियां में इस नारे को बार-बार दोहराया गया जिससे यह जमीनी स्तर पर लोकप्रिय हो गया और लोगों ने इसे अपना लिया।

दूसरी और प्रधानमंत्री का नारा समाज को एक जुट का संदेश देने के साथ-साथ भाजपा की नीति और प्रशासनिक स्थिरता को उजागर करता है उनका उद्देश्य लोगों को यह भरोसा दिलाना था कि अगर राज्य और केंद्र में एक ही पार्टी की सरकार रहेगी तो विकास कार्यों में तेजी आएगी और जनहितकारी योजनाओं को सफलतापूर्वक लागू किया जाएगा। इस नारे पर विपक्ष ने भाजपा को खूब घेरा राहुल गांधी ने तो इस पर प्रेस कॉन्फ्रेंस भी की और बताया कि एक है तो सेफ है का मतलब है कि अगर मोदी है तो अदानी जी सेफ है लेकिन लगता है कि जनता के बीच इसका असर नहीं हुआ जो की रिजल्ट में साफ देखने को मिल सकता है।
सिर्फ इन नारों से ही नहीं और भी बहुत सी वजह है भाजपा की इस बंपर जीत के पीछे भाजपा ने अपने सहयोगी दल एकनाथ शिंदे गुट की शिवसेना के साथ मिलकर चुनाव लड़ा। यह गठबंधन सामाजिक और राजनीतिक स्तर पर बेहद मजबूत साबित हुआ दोनों दलों ने साथ मिलकर राज्य के अलग-अलग क्षेत्र में प्रचार किया जिससे जनता में एकता और स्थिरता का संदेश किया इस गठबंधन ने उद्धव ठाकरे गुट और एनसीपी inc की महा विकास अगड़ी के खिलाफ मजबूती से मोर्चा संभाला।
इन सब के पीछे विपक्ष की भी कई विफलताएं हैं एनसीपी कांग्रेस और उद्धव ठाकरे गुट कि शिवसेना के बीच समन्वय की कमी बीजेपी के लिए लाभकारी रही विपक्ष एक संयुक्त और ठोस रणनीति बनाने में सफल रहा जिससे भाजपा और शिवसेना को खूब फायदा हुआ।

जैसा कि हमने पहले भी देखा है कि भाजपा की जो बूथ स्ट्रेटजी है वह बहुत ही ताकतवर है और यही इस चुनाव में भी देखा बीजेपी ने बूथ स्तर पर अपने कार्यकर्ताओं को मजबूत किया और हर मतदान केंद्र तक अपनी पहुंच बनाएं सोशल मीडिया और डिजिटल प्रचार के माध्यम से युवाओं को जोड़ने की भी योजना सफल रही और जमीनी स्तर पर जोर-शोर से प्रचार भी सफल रहा।
बीजेपी शिवसेना गठबंधन ने कुल 288 सीटों में से 185 से अधिक सिम जीत कर स्पष्ट बहुमत हासिल किया यह बीजेपी के लिए न केवल महाराष्ट्र में सत्ता बनाए रखने का अवसर है बल्कि विपक्षी दलों के लिए एक कड़ा संदेश भी है।