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कांग्रेस सपा और बसपा सहित विपक्षी दलों के बाद अब केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान ने भी लैटरल एंट्री पर सवाल उठाया

  यह लेख 20 August 2024 का है।

कांग्रेस सपा और बसपा सहित विपक्षी दलों के बाद अब केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान ने भी लैटरल एंट्री पर सवाल उठाया


कांग्रेस सपा और बसपा सहित विपक्षी दलों के बाद अब केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान ने भी लैटरल एंट्री पर सवाल उठाया उन्होंने कहा कि सरकारी नियुक्ति में आरक्षण होना चाहिए इसमें कोई किंतु परंतु नहीं है निजी क्षेत्र में आरक्षण नहीं है सरकारी पदों पर इसे लागू नहीं करते तो चिंता की बात है चिराग ने कहा मैं केंद्र सरकार का हिस्सा हूं और इस मामले को उचित मंच पर उठाऊंगा वही नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने एक बार फिर लैटरल एंट्री पर सवाल उठाया उन्होंने कहा यह दलित ओबीसी और आदिवासियों पर हमला है

भाजपा संविधान नष्ट करके बहुजनों से आरक्षण छीनना चाहती है केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा नौकरशाही में लैटरल एंट्री की शुरुआत 1970 के दशक से कांग्रेस सरकार के समय हुई थी उन्होंने कहा कि लैटरल एंट्री के लिए प्रस्तावित 45 पद आई ए एस कैडर संख्या का 0.5% है इससे किसी भी सेवा की सूची में कटौती नहीं होगी वैष्णव ने कहा मनमोहन सिंह 1971 में तत्कालीन विदेश व्यापार मंत्रालय में आर्थिक सलाहकार के रूप में लैटरल एंट्री से आए थे।

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बाद में वित्त मंत्री प्रधानमंत्री बने सैम पित्रोदा वी कृष्णमूर्ति, बिमल जालान कौशिक बसु अरविंद विरमानी रघुराम राजन और मोंटेक सिंह अहलूवालिया भी इसी कड़ी में है कि लैटरल एंट्री से 45 विशेषज्ञों की विभिन्न केंद्रीय मंत्रालय में संयुक्त सचिव निर्देशक और उपसचिव जैसे पदों पर नियुक्ति का विज्ञापन निकाला है। इसे लेकर विपक्ष निशाना साध रहा है


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