जेन जेड में बढ़ती मानसिक स्वास्थ्य समस्याएँ: सोशल मीडिया बन रहा है बड़ा कारण
17 October 2024 18:47 IST
| लेखक:
The Pillar Team
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आज की तेजी से बदलती दुनिया में जेन जेड (Gen Z), यानी 1997 से 2012 के बीच जन्मी पीढ़ी, कई सामाजिक और मानसिक चुनौतियों का सामना कर रही है। हाल ही में हुई एक रिसर्च ने यह संकेत दिया है कि इस पीढ़ी में मानसिक स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं तेजी से बढ़ रही हैं, और इसका मुख्य कारण सोशल मीडिया का अत्यधिक उपयोग हो सकता है।
सोशल मीडिया का अत्यधिक प्रभाव
विशेषज्ञों का मानना है कि सोशल मीडिया प्लेटफार्मों, जैसे इंस्टाग्राम, टिकटॉक, और स्नैपचैट पर बिताए गए लंबे समय के कारण जेन जेड के युवाओं में चिंता, अवसाद, और आत्मसम्मान की समस्याएं बढ़ रही हैं। सोशल मीडिया पर लगातार दूसरों की जिंदगी की ‘परफेक्ट’ तस्वीरें देखने से कई युवा खुद को दूसरों से कमतर महसूस कर रहे हैं।
हाल के आंकड़े
एक अध्ययन के अनुसार, 60% से अधिक जेन जेड के युवाओं ने स्वीकार किया कि वे सोशल मीडिया पर बिताए समय के बाद तनावग्रस्त महसूस करते हैं। इसके अलावा, 70% ने कहा कि वे दूसरों से तुलना करने की आदत के कारण अपने आत्मसम्मान में कमी का अनुभव करते हैं।
विशेषज्ञों की राय
मानसिक स्वास्थ्य विशेषज्ञ डॉ. नेहा शर्मा का कहना है, “जेन जेड की पीढ़ी तकनीक से इतनी जुड़ी हुई है कि वे वास्तविक और आभासी दुनिया के बीच संतुलन बनाने में संघर्ष कर रहे हैं। इससे उनका मानसिक स्वास्थ्य प्रभावित हो रहा है।” उन्होंने आगे यह भी बताया कि युवाओं को सोशल मीडिया का संयमित उपयोग करने की सलाह दी जानी चाहिए और मानसिक स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता फैलानी चाहिए।
सरकार और स्कूलों की भूमिका
कुछ देशों में सरकारें और स्कूल इस समस्या को लेकर जागरूकता बढ़ाने के प्रयास कर रहे हैं। स्कूलों में मानसिक स्वास्थ्य कोर्स और सोशल मीडिया डिटॉक्स कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं। इसके अलावा, कई मानसिक स्वास्थ्य संगठनों ने ऑनलाइन हेल्पलाइन और काउंसलिंग सेवाएं शुरू की हैं ताकि युवाओं को मानसिक तनाव से निपटने में मदद मिल सके।
निष्कर्ष
जेन जेड की बढ़ती मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। यह समय है कि समाज, स्कूल, और परिवार मिलकर इस दिशा में कदम उठाएं और सोशल मीडिया के प्रभाव को संतुलित करने के प्रयास करें।