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जातिगत जनगणना को लेकर बहस थम नहीं रही है केंद्रीय स्तर पर भाजपा इसे लेकर विपक्ष पर हमला कर रही है

जातिगत जनगणना को लेकर बहस थम नहीं रही है केंद्रीय स्तर पर भाजपा इसे लेकर विपक्ष पर हमला कर रही है

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जातिगत जनगणना को लेकर बहस थम नहीं रही है केंद्रीय स्तर पर भाजपा इसे लेकर विपक्ष पर हमला कर रही है वहीं सरकार ने अभी पत्ते नहीं खोले। इस बीच खबर है की जनगणना सितंबर से शुरू हो जाएगी हालांकि सरकार की ओर से पुष्टि अभी नहीं हुई है जनगणना में देरी के चलते सरकारी योजनाएं और नीतियां 2011 की की जनगणना के हिसाब से बन रही है इससे आर्थिक आंकड़े और नौकरियों के अनुमानों सहित कई सर्वेक्षणों की गुणवत्ता भी प्रभावित हुई है।

वर्ष 1881 से हर 10 साल के बाद होने वाली जनगणना 2021 में होने वाली थी लेकिन कोरोना के कारण सरकार ने इसे डाल दिया यह प्रक्रिया पूरी होने में कम से कम दो साल लग जाएंगे। ऐसे में अगर सितंबर में जनगणना की प्रक्रिया शुरू होती है तो अंतिम आंकड़े 2026 के अंत या 2027 की शुरुआत में देखने को मिलेंगे।

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इसलिए इस बार की जनगणना का डाटा सिर्फ 2031 तक सीमित रखना तार्किक नहीं होगा ऐसे में माना जा रहा है की जनगणना का चक्र बदला जा सकता है। जिससे इस प्रक्रिया की नई साइकिल 2025 के बाद 2035 और 2045 की होगी सूत्रों ने बताया की जनगणना डिजिटल होगी और इसमें ऐप का सहारा लिया जाएगा। ऐसे संकेत है कि सितंबर 2024 में जनपदों की प्रशासनिक इकाइयों की सीमाएं सील करने के 3 महीने के भीतर जनगणना के पहले चरण में हाउस लिस्टिंग का काम शुरू होगा।


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