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राजस्थान में अलग-अलग जगह पर अलग-अलग है मुद्दे अलग है वोट और अलग है प्राथमिकताएं।

  यह लेख 21 November 2023 का है।

राजस्थान में अलग-अलग जगह पर अलग-अलग है मुद्दे अलग है वोट और अलग है प्राथमिकताएं।


राजस्थान विधानसभा चुनाव में कुछ नया देखने को मिला है जयपुर से जोधपुर जाने के और एक जगह से दूसरी जगह जाने पर मुद्दे बदल जाते हैं बोट की प्राथमिकता अलग हो जाती है यहां तक कि उनके वोट करने के मायने में भी बदलाव आ जाते हैं कहां जा रहा है कि अशोक गहलोत ने अपनी नेतृत्व वाली सरकार में जयपुर से सटे इलाकों में पिछले 5 वर्षों में पानी लाने की कोई व्यवस्था नहीं की तो ऐसे इलाकों में पानी मुद्दा बन गया है।

अब इस मुद्दे पर यहां के लोग बदलाव चाहते हैं शिव हर गांव के कैलाश सिंह ने कहा कि नरेंद्र मोदी की ओर से हमारे इलाके में पानी लाने के लिए बहुत शानदार योजना लाई गई है अगर यहां वे भाजपा की सरकार बनाते हैं तो उनके लिए इस समस्या का समाधान निकाला जाएगा । वही थोड़ी डर निकालने पर जैसे ही किशनगढ़ में कदम रखते हैं तो वहां का मुद्दा अलग है वहां मोहन मीणा कहते हैं कि सीएम गहलोत ने बहुत किया सरकारी कर्मचारियों को पुरानी पेंशन की स्कीम दी वे कांग्रेस की सरकार को वापस लाना चाहते हैं पिछली बार उन्होंने भारतीय जनता पार्टी को वोट दिया था लेकिन इस बार में कांग्रेस को समर्थन देना चाहते हैं और अपना वोट देकर कांग्रेस को वापस लाना चाहते हैं।

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वहीं यहां से थोड़ी और आगे बढ़ते हैं तो ब्यावर पहुंचकर यह पता चलता है की किराना दुकान चलाने वाली सुषमा देवी को भारतीय जनता पार्टी की सरकार चाहिए उनका कहना है की गुंडागर्दी बहुत बढ़ गई है। किसी के पक्ष या किसी के विपक्ष में अंत में जो पार्टी अपने पक्ष में सबसे ज्यादा मुद्दे तय कर सकेगी 3 दिसंबर को राजस्थान का 86 सिंहासन उसी को मिलेगा


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