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बिहार में सीएम नीतीश कुमार का बड़ा फैसला 63% आबादी वाले पिछड़ों का कोटा बढ़ाकर 43 परसेंट तक किया।

  यह लेख 10 November 2023 का है।

बिहार में सीएम नीतीश कुमार का बड़ा फैसला 63% आबादी वाले पिछड़ों का कोटा बढ़ाकर 43 परसेंट तक किया।


बिहार में जातीय जनगणना होने के बाद आंकड़ों पर आधारित राज्य सरकार ने गुरुवार को आरक्षण संशोधन बिल 2023 पेश किया है जो पूर्ण सहमति के साथ पास हो गया साथ ही साथ विपक्षी दल में भारतीय जनता पार्टी ने भी इस बिल का पूरी तरह से समर्थन किया है।

आपको बता दें कि इस बिल में आरक्षण का दायरा 60% से बढ़कर 75% तक तय कर दिया गया है जातीय जनगणना पर आधारित बिहार में पिछड़ा वर्ग और अति पिछड़ा वर्ग की कुल आबादी 63% है जिस हिसाब से इस वर्ग के लोगों को सरकारी नौकरियों में 43% आरक्षण मिलेगा आपको बता दे कि पहले यह 30% था इसी तरह एससी वर्ग काआरक्षण 20% तक बढ़ा दिया गया है यह कदम हाल फिलहाल में हुई जातीय जनगणना के बाद बिहार में हर वर्ग की आबादी के हिसाब से कोटा देने के लिए लिया गया है इसके बाद आरक्षण बिल में संशोधन करके इस कोटे को बढ़ा दिया गया है।

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आपको बता दें कि पहले पिछड़ा और अति पिछड़ा को 30% आरक्षण था जो कि अब 43 परसेंट हो गया है एससी को पहले 16 परसेंट आरक्षण था जो की 20% हो गया है अब सेंट को 1% आरक्षण था जो कि अब दो परसेंट हो गया है और यूज़ को 10% था जो की 10% ही रखा गया है यानी कुल 75% आरक्षण कर दिया गया है जो कि पहले 57% और 3% ओबीसी महिलाओं का था ।
बता दें कि इस समय पिछला और अति पिछड़ा वर्ग को मिलाकर के कुल 63% आबादी है बिहार में एससी वर्ग की आबादी 19.65% है और एसटी की आबादी 1.68 परसेंट है।


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