हनुमान बेनीवाल की राजनीतिक शैली: साहस, संकल्प और नेतृत्व का अनोखा अंदाज़
6 September 2025 17:45 IST
| लेखक:
The Pillar Team
Politics

सच है, विपत्ति जब आती है तो कायरों को ही हिला देती है। लेकिन सुरमा कभी विचलित नहीं होते।
वे एक पल के लिए भी धैर्य नहीं खोते।वो विघ्नों को गले लगाते हैं और काँटों में भी राह बना लेते हैं।
इसी तरह आजकल नागौर के सांसद हनुमान बेनीवाल के दो बयान फिर से वायरल हो रहे हैं।
सबसे पहले आपको बता दें – वीर तेजाजी की 10वीं मेले वाले दिन, तेजाजी महाराज मंदिर के लिए उन्होंने 11 करोड़ राशि दान का ऐलान किया। इस ऐलान ने जनता को गदगद कर दिया और बेनीवाल को सर-आंखों पर बिठा लिया।
वैसे भी, हनुमान बेनीवाल की रैली या सभा जब भी होती है, भीड़ का रिकॉर्ड तोड़ देती है। उनका गुस्सैल अंदाज़ और हड़काने वाली बॉडी लैंग्वेज भी निराली मानी जाती है।
अब बात उन दो बयानों की, जो सोशल मीडिया पर छाए हुए हैं।
👉 पहला बयान –
जब उनसे पूछा गया कि “हनुमान बेनीवाल इतने बड़े-बड़े बयान क्यों देते हैं?”
तो उन्होंने जवाब दिया –
“कई बार सोचता हूं कि अब से मैं किसी के खिलाफ व्यक्तिगत बयान नहीं दूंगा। लेकिन रात को 10–11 बजे कोई मेरे पास रोता हुआ आता है कि साहब, अन्याय हो गया… तो फिर मैं कहता हूं – अभी इसका इलाज करता हूं! और तब बड़ा बयान निकल जाता है। क्योंकि मैं किसी पर अत्याचार सहन नहीं कर सकता।”
👉 दूसरा बयान –
जब उनसे पूछा गया कि “आपके बने नेता ज्यादा समय तक आपके साथ क्यों नहीं टिक पाते?”
तो उन्होंने कहा –
“जिसको ज्यादा साथ रखता हूं, वह तीन महीने बाद ही अपने आप को ‘हनुमान बेनीवाल’ समझने लगता है और छोटे भाइयों-कार्यकर्ताओं का शोषण शुरू कर देता है। ये मैं बर्दाश्त नहीं करता। या तो मैं उसे भगा देता हूं या फिर वह खुद भाग जाता है।
जो मेरे साथ रहेगा उसे मेरे हिसाब से चलना पड़ेगा। दिन के 24 घंटों में से 18 घंटे जनता के बीच रहना ही होगा।” बिना मेहनत और लगन के कोई काम सफल नहीं होता।
जुनून जगाना पड़ता है। लोग हर वक्त रोक-टोक करेंगे, ताने देंगे, लेकिन एक दिन वही लोग देखकर चौंकेंगे और सलाम ठोकेंगे। क्योंकि दुनिया में यूं ही किसी का नाम नहीं होता। तो दोस्तों, ये है हनुमान बेनीवाल की राजनीतिक शैली।
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