दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 संपन्न हो चुके हैं और इस दौरान भाजपा ने दिल्ली से…
15 February 2025 23:28 IST
| लेखक:
The Pillar Team
BJP

दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 संपन्न हो चुके हैं और इस दौरान भाजपा ने दिल्ली से बहुत बड़े वादे किए हैं। इन सभी वादों के पीछे केवल एक उद्देश्य है जो है दिल्ली वासियों को और उनके जीवन को आसान बनाना, बुनियादी ढांचे में सुधार लाना और हर वर्ग को ध्यान में रखते हुए योजना लागू करना।
भाजपा का हर दवा है कि वह दिल्ली में विकास सुरक्षा समृद्धि लाने के लिए प्रतिबद्ध है लेकिन अब सबसे बड़ा सवाल यह उठता है क्या भारतीय जनता पार्टी अपने वादों पर खड़ी उतर पाएगी क्या यह योजनाएं वास्तव में धरातल पर उतार पाएंगी?
सबसे पहले आपको कुछ मुख्य वादे जो भाजपा ने दिल्ली वासियों से किए थे वह बताते हैं,
पहले वादा सस्ता एलपीजी,
गरीब परिवारों की महिलाओं को ₹500 में गैस सिलेंडर देने का वादा और होली दिवाली पर मुफ्त सिलेंडर देने का वादा।
दूसरी योजना है हर गर्भवती महिला को 21000 की सहायता और छह पोषण किट का वादा।
तीसरी है हर गरीब परिवार की महिला को ₹2500 मासिक वित्तीय सहायता।
अगली योजना है पेंशन में वृद्धि यानी 60 से 70 आयु के लोगों को 2000 से बढ़ाकर अब 2500 की पेंशन का वादा किया है।
आयुष्मान योजना को 5 लाख से बढ़कर 10 लाख कर दिया गया है।
अटल कैंटीन योजना जिसमें झुग्गी झोपड़ी में ₹5 में पौष्टिक भोजन देने का वादा।
KG से PG तक मुफ्त शिक्षा
3 साल में यमुना साफ करना और दिल्ली में यमुना रिवर फ्रंट का निर्माण करना।
ऐसी और भी बहुत सी योजनाएं दिल्ली में लागू करने का भाजपा ने वादा किया है।
भाजपा ने दावा किया है कि इन योजनाओं को अगले दो-तीन वर्षों के भीतर ही पूरा करने का प्रयास करेगी।
हालांकि दिल्ली के लोग लंबे समय तक वादों के अधूरे रहने से परेशान हो चुके हैं और इसीलिए सत्ता में भाजपा को मौका दिया है।
अब देखने वाली बात यह है कि भाजपा इसको कितनी गंभीरता से लेती है।
भाजपा का दिल्ली के विकास के प्रति अपना वचन एक महत्वपूर्ण कदम है, लेकिन यह सवाल भी उठता है कि क्या यह पूरी तरह से जमीन पर उतर पाएगा। भाजपा को अपनी योजनाओं को हर स्तर पर लागू करने के लिए पर्याप्त समय और संसाधन चाहिए होंगे। यदि भाजपा इन वादों को पूरा करने में सफल होती है, तो निश्चित रूप से दिल्लीवासियों को इसका लाभ मिलेगा। हालांकि, समय के साथ यह देखना होगा कि भाजपा अपनी योजनाओं पर कितनी जल्दी काम शुरू करती है और इनका वास्तविक असर जनता पर कब दिखता है।