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दिल्ली में 22 किलोमीटर लंबी यमुना में 122 नालों से बिना ट्रीटमेंट के सीवेज का 184.9 एमजीडी पानी रोज गिर रहा है।

दिल्ली में 22 किलोमीटर लंबी यमुना में 122 नालों से बिना ट्रीटमेंट के सीवेज का 184.9 एमजीडी पानी रोज गिर रहा है।

Delhi

दिल्ली में 22 किलोमीटर लंबी यमुना में 122 नालों से बिना ट्रीटमेंट के सीवेज का 184.9 एमजीडी पानी रोज गिर रहा है।
यही यमुना के प्रदूषण की सबसे बड़ी वजह है दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण कमेटी के मुताबिक इन नालों में से यमुना के पानी को सबसे ज्यादा प्रदूषित करने का जिम्मेदार नजफगढ़ का नाला है उसके गंदे पानी को बिना स्वच्छ किए वजीराबाद बैग के जरिए यमुना में छोड़ा जाता है अकेले इस नाले ने दिल्ली में यमुना के 80% पानी को प्रदूषित कर दिया है।

सरकारी आंकड़े देखें तो यमुना नदी की सफाई के लिए केंद्र सरकार और दिल्ली सरकार ने पिछले 7 सालों में 7000 करोड रुपए से अधिक की धनराशि खर्च की है पर हकीकत यह है कि दिल्ली में यमुना के किसी भी हिस्से का पानी पीने और नहाने हालांकि छूने के भी लायक नहीं है।

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Nabl के पूर्व अध्यक्ष डॉ आर के कोटनाला नहीं इस पर कहा कि यमुना में फॉर्म रसायनों जैसे प्रदूषण के लिए दिल्ली सरकार की अप्रभावी नीतियां जिम्मेदार है।

प्रतिदिन 184.9 एम जी डी सीवेज का पानी सीधे यमुना में गिर रहा है। एसटीपी प्लॉटों पर भी सवाल उठे कि यह मानक नहीं है इंडस्ट्री से निकलने वाले केमिकल और डिटर्जेंट वेस्ट को बिना शोधित किए ही यमुना में छोड़ दिया जाता है यमुना को साफ करने के लिए चरणबद्ध नीतियों पर काम करना होगा नलों में बिना शोधित केमिकल डिटर्जेंट वेट डालने वाली एजेंसी पर भारी जुर्माना और जेल की कार्यवाही करनी होगी यह सुनिश्चित करना होगा कि नालों से यमुना में जाने वाला एक भी बूंद पानी बिना ट्रीट किया नहीं जाए

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