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दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025: मतदान प्रतिशत में गिरावट से बीजेपी को बढ़त, आम आदमी पार्टी को नुकसान?

दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025: मतदान प्रतिशत में गिरावट से बीजेपी को बढ़त, आम आदमी पार्टी को नुकसान?

Delhi Election 2025

5 फरवरी को दिल्ली विधानसभा चुनाव संपन्न हुए। मतदान प्रतिशत में जो गिरावट आई उसके अनुसार भाजपा कहीं ना कहीं बाजी मारते हुए दिखाई देती है क्योंकि पहले विधानसभा चुनाव दिल्ली में 1993 में हुआ था उसके बाद 2025 में जो चुनाव संपन्न हुआ है उसके वोट प्रतिशत या मतदान कितनी प्रतिशत पड़ा है उसके ट्रेंड के अनुसार बात करेंगे तो 1993 में 65.7 प्रतिशत मतदान हुआ था और बीजेपी जीती थी उसके बाद करीब 11% के आसपास मतदान गिरा।

1998 में 48.99 प्रतिशत मतदान हुआ और कांग्रेस में बाजी मारी उसी क्रम में 2003 में 53.42 पर्सेंट मतदान हुआ। चुनाव संपन्न हुआ वोट गिरा और कांग्रेस को विजय मिली। 2008 में पुनः 57.58% मतदान हुआ और कांग्रेस ने तीसरी बार बाजी मारी। इस क्रम को आगे बढ़ाते हुए 2013 में आम आदमी पार्टी का उदय हुआ वोटिंग प्रतिशत 8% बढ़ा और यह 65.63% रहा। उस समय आम आदमी पार्टी और कांग्रेस ने मिलकर सरकार बनाई और बीजेपी का वोटिंग परसेंटेज वही 35 और 38 के बीच में रहा।

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2015 में वोटिंग परसेंटेज बंपर रहा और 67.12% वोट पड़े और आम आदमी पार्टी को पूरी दिल्ली में क्लीन स्वीप मिला,67 सीट जीते, आगे बढ़ते हुए 2020 में वोटिंग परसेंटेज कम हुआ करीब 5% 4% के आसपास कम रहा। 62 सीट के साथ आम आदमी पार्टी फिर majority में आई और बीजेपी को साक्षी लेकर इसी क्रम में देखा जाए तो 2024 में 2% मतदान की गिरावट रही और यह 60.40% रहा उसी को देखते हुए लोगों ने यह अंदाजा लगाया है वोट प्रतिशत गिरने से आम आदमी  पार्टी को कहीं ना कहीं नुकसान होता है। महिलाओं की वोट परसेंटेज अगर देखे तो कहीं ना कहीं सबसे ज्यादा 2015 में रहा यानी 66.49% महिलाओं ने वोट दिया था और आम आदमी पार्टी की बंपर जीत हुई थी

इस बार भी वोट परसेंटेज गिरा है जिससे हम तुलना करें 2020 और 24 की 2020 में आम आदमी पार्टी को 53.8% वोट मिला और बीजेपी को 38.5 और कांग्रेस को केवल 4.23% वोट मिला था। एक चुनावी कंपनी के सर्वे में अंदाजा लगाया गया है की आम आदमी पार्टी को 44% और बीजेपी को 46% साथ ही साथ कांग्रेस को 8% वोट मिलने की संभावना है इसलिए लगता है आम आदमी पार्टी का 10% वोट परसेंट गिरा है।

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बीजेपी का वही 8% बड़ा है साथ-साथ कांग्रेस का भी चार प्रतिशत वोट परसेंट बढ़ता हुआ दिख रहा है तो यह लगता है कि इस बार भाजपा majority की तरफ बढ़ती हुई दिखाई देती है, आम आदमी पार्टी थोड़ा सा पीछे रह सकती है और कांग्रेस का खाता खुल सकता है।

यदि सर्वे के अनुसार परिणाम आते हैं तो भाजपा सत्ता में कई 26 साल बाद वापसी कर सकती है और ऐसा नहीं होता है तो कांग्रेस और आम आदमी पार्टी भी मिलकर सरकार बना सकते हैं। यह 8 तारीख के नतीजे पर निर्भर करेगा किंतु जो वोट प्रतिशत दिल्ली में गिरा है उसके पीछे कई कारण हो सकते हैं, पहला कारण यह बताया जा रहा है कि जहां मुसलमान की संख्या 50% से ज्यादा है वहां पिछली बार 2020 में 71.6% मतदान हुआ था और 2025 में 59.56% मतदान हुआ है जो गिरावट है

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ऐसी मटिया महल में 70.4% से घटकर के 61.4% हुआ सीलमपुर में 71.5% से घटकर 66.41% मतदान हुआ तो उनका मतदान घटने से कहीं ना कहीं कांग्रेस, आम आदमी  पार्टी और ओवैसी की जो पार्टियों में विभाजन हुआ है उसका परिणाम बीजेपी को देखने को मिल सकता है। लेकिन 8 फरवरी को जो परिणाम आएंगे तभी हम कह पाएंगे कि यह सर्व कितना सटीक है और मतदान किसके फेवर में हुआ है।


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