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छात्रों पर परीक्षा के परिणाम का दबाव घटाने के लिए नीदरलैंड्स के एक स्कूल ने प्रेरक फैसला लिया है।

छात्रों पर परीक्षा के परिणाम का दबाव घटाने के लिए नीदरलैंड्स के एक स्कूल ने प्रेरक फैसला लिया है।


छात्रों पर परीक्षा के परिणाम का दबाव घटाने के लिए नीदरलैंड्स के एक स्कूल ने प्रेरक फैसला लिया है। स्कूल ने छात्रों का रिजल्ट एक टर्म तक साझा करने पर रोक लगा दी है स्कूल ने 500 छात्रों पर एक अध्ययन किया और उसमें पता चला की नियमित रूप से बच्चों के मार्क्स साझा करने से उनमें तनाव बढ़ता है।

माता-पिता द्वारा नियमित रूप से मार्क्स देखने पर बच्चों की तनाव रेटिंग 5 में से 2.7 आई है वहीं जिन बच्चों के माता-पिता उनके मार्क्स नहीं देखते उनमें तनाव 2 से भी कम है।

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अध्ययन करने के बाद स्कूल प्रबंधन ने एक टर्म का रिजल्ट साझा करने पर कुछ समय तक रोक लगा दी इस पर छात्र समूह सकारात्मक थे और 95% पैरंट्स ने भी सहमति जताई।

नीदरलैंड्स के बच्चों के मार्क्स आपके जरिए बताए जाते हैं स्कूल के टीचर का कहना है कि पहले बच्चों के मार्क्स साल में चार बार रिपोर्ट के जरिए आई थी बच्चे पढ़ाई के अलावा अन्य चीज माता-पिता के साथ खुलकर नहीं कर पाते थे लेकिन अब माता-पिता अपने फोन पर नियमित रूप से उनके मार्क्स देख सकते हैं ऐसे में माता-पिता और बच्चों के बीच बातचीत पढ़ाई तक सीमित रह गई है।

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