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बिहार से बिगुल: क्या ‘वोट अधिकार यात्रा’ 2025 चुनाव की असली शुरुआत है?

बिहार से बिगुल: क्या ‘वोट अधिकार यात्रा’ 2025 चुनाव की असली शुरुआत है?

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दोस्तों, बिहार की सियासत का माहौल इस वक्त चुनावी अखाड़े में बदल चुका है। एक तरफ़ मोदी और बीजेपी का पूरा चुनावी चक्रव्यूह खड़ा है, तो वहीं दूसरी तरफ़ राहुल गांधी और तेजस्वी यादव ने बिहार से ही “वोट अधिकार यात्रा” का शंखनाद कर दिया है।

सोचने वाली बात है— क्या ये सिर्फ़ यात्रा है? या फिर 2025 बिहार विधानसभा चुनाव की असली रिहर्सल?
तेजस्वी यादव और राहुल गांधी पूरे 16 दिन तक बिहार की ज़मीन नापने वाले हैं। गांव–गांव, गली–गली जाकर लोगों से सीधा संवाद करने वाले हैं। और उनके भाषणों की गूंज पहले ही राजनीति के गलियारों तक पहुँच चुकी है।
तेजस्वी यादव अपने हर भाषण में सीधा वार करते हैं। वो कहते हैं— “मोदी जी और इलेक्शन कमीशन बिहार और बिहारी को चूना लगाना चाहते हैं।”

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अब सोचिए दोस्तों, ये चूना वाला तंज उन्होंने किस अंदाज़ में कसा! तेजस्वी ने कहा— “ये बिहार है… यहां खैनी में चूना लगाया जाता है और फिर चबा लिया जाता है। बिहारी को कमजोर मत समझना।”
मतलब साफ है— तेजस्वी चुनावी पिच पर सीधा बिहार की जनता को याद दिला रहे हैं कि यहां का हर बच्चा–बच्चा मिर्ची जैसा तीखा है, जरा भी बेईमानी बर्दाश्त नहीं करेगा।

राहुल गांधी भी इसी लाइन पर चलते हुए लगातार आरोप लगा रहे हैं कि वोट चोरी हो रही है। वो कह रहे हैं— “लोकतंत्र खतरे में है, वोटर लिस्ट से नाम गायब किए जा रहे हैं।”
यानी कांग्रेस और आरजेडी ने सीधा मुद्दा बना लिया है— “SIR और वोट चोरी” का।

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अब बड़ा सवाल यही है—
❓ क्या ये यात्रा सिर्फ़ जनता से जुड़ने का माध्यम है?
❓ या फिर ये बिहार चुनाव 2025 का असली शंखनाद है?

क्योंकि इस यात्रा के जरिए राहुल और तेजस्वी दोनों ने एक तीर से दो निशाने साधे हैं—
👉 जनता से सीधा संवाद भी और मोदी–नीतीश गठबंधन पर सीधा हमला भी।
दोस्तों, बिहार की राजनीति हमेशा से देश के लिए टोन सेट करती आई है। और अगर विपक्ष ने बिहार से “वोट चोरी के खिलाफ बिगुल” बजा दिया है, तो समझ लीजिए आने वाले दिनों में दिल्ली तक इसकी गूंज सुनाई देगी।

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⚡ अब खेल शुरू हो चुका है—
तेजस्वी का मिर्ची वाला तेवर, राहुल का वोट चोरी वाला वार…
क्या ये विपक्ष को सत्ता तक ले जाएगा,
या फिर ये सिर्फ़ चुनावी रिहर्सल साबित होगी?
यह सवाल अभी बाकी है…


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