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बिहार में वोट चोरी बनाम जनक्रांति: राहुल-तेजस्वी की रैली के पीछे की असली कहानी

बिहार में वोट चोरी बनाम जनक्रांति: राहुल-तेजस्वी की रैली के पीछे की असली कहानी

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राहुल और तेजस्वी की रैली में बिहार में जो जनसैलाब उमड़ा है, उसके पीछे की कहानी क्या है? बैकग्राउंड क्या है, नैरेटिव क्या है, मुद्दा क्या है, और वह चिनगारी क्या है जिसने इसे जन आंदोलन का रूप दे दिया?
आज हम इसी पर बात करेंगे — बिहार में वोट चोरी का असली खेल करने वाला कौन है? वोट चोरी जन आंदोलन बिहार में कैसे बना?

अभी तक तो भीड़ जुटाने का काम सिर्फ “हिंदुत्व खतरे में है”, “पाकिस्तान से POK लेने के लिए जान भी दे सकते हैं” या “56 इंच का सीना” जैसे नारों से होता था। लेकिन अचानक बिहार में ऐसा क्या हुआ कि यह जनसैलाब, यह जनक्रांति, यह जनसुनामी राहुल गांधी और तेजस्वी यादव की वोट अधिकार यात्रा में उमड़ पड़ी?

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असल में, तेजस्वी यादव ने बिहार में घूम-घूम कर, हर रैली, हर सभा और हर पदयात्रा में जनता को यह समझा दिया, उनके मन-मस्तिष्क में यह बात बैठा दी कि अगर आपका नाम वोटर लिस्ट से कट गया, तो आपको फ्री राशन नहीं मिलेगा, सरकारी पेंशन बंद हो जाएगी, आपको कोई सरकारी सुविधा नहीं मिलेगी। बुजुर्गों, महिलाओं और नौजवानों को मिलने वाले सरकारी लाभ भी रुक जाएंगे।

तब जाकर बिहार की जनता को एहसास हुआ कि वोटर लिस्ट में नाम होना कितना जरूरी है। और अगर चुनाव आयोग नाम काट रहा है, तो इसकी वजह क्या है? क्यों काट रहा है? बस, फिर क्या था — बिहार की जनता तेजस्वी यादव की बातों पर भरोसा करने लगी और उनके साथ खड़ी हो गई। तेजस्वी ने जो नैरेटिव सेट किया, वह पूरी तरह प्रभावी साबित हुआ और जनता मैदान में उतर आई।

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उधर राहुल गांधी ने दिल्ली से ही चुनाव आयोग पर “वोट चोरी” का आरोप लगाकर सनसनी फैला दी थी। ऐसे में तेजस्वी यादव ने बिहार की जनता के दिमाग में यह बैठा दिया कि वोटर लिस्ट से नाम कटने का मतलब है कि आप सरकारी सुविधाओं से वंचित हो जाएंगे। यही सबसे बड़ा गेम-चेंजर मुद्दा बन गया।

यही वजह है कि राहुल गांधी को भी तेजस्वी यादव को बराबरी की भूमिका में रखना पड़ा, क्योंकि असल नैरेटिव गढ़ने का काम तेजस्वी ने किया था। जनता में वोटर लिस्ट में नाम लिखवाने की दौड़ शुरू हो गई और यह आंदोलन जनसैलाब में बदल गया।
अब देखना यह है कि आने वाले समय में यह जन आंदोलन वोटों में कितना तब्दील होता है। क्या यह भीड़ वोट में बदलेगी?
आप हमें कमेंट करके बताइए… और बने रहिए डॉक्टर के साथ।

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Comments

One response to “बिहार में वोट चोरी बनाम जनक्रांति: राहुल-तेजस्वी की रैली के पीछे की असली कहानी”

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