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भीम आर्मी प्रमुख चंद्रशेखर आजाद उर्फ़ रावण: दलित, किसान और कमेरों के संघर्ष के प्रतीक

भीम आर्मी प्रमुख चंद्रशेखर आजाद उर्फ़ रावण: दलित, किसान और कमेरों के संघर्ष के प्रतीक


भीम आर्मी के प्रमुख चंद्रशेखर आजाद उर्फ़ रावण ने खुद को दलित किसान कमेरे के आइकॉन के रूप में स्थापित किया है ।
उनके साथ ही आजाद ने सामान्य जाति के नेता भी हैं और दलित,आदिवासी,ओबीसी,अल्पसंख्यक व महिलाओं के लिए और उनके हक के लिए लड़ते रहते हैं वह अपनी शैली के लिए जाने जाते हैं ।

आजाद उर्फ वास्तविकता के अंदर काम करते हैं समाज के अंदर लोकप्रियता सबसे ज्यादा है जब भी दलित , किसान,कमेरे के साथ अत्याचार हुआ है तब तो चंद्रशेखर आजाद ने आकर उनको न्याय दिलाया है हक की लड़ाई लड़ी है ।
चंद्रशेखर जहां जाता है और लोगों की भीड़ उमड पड़ती है । भोकाल मजा जाता है पूरी सरकार हिल जाती है ।

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सामंतवादी घुटने टेकने को मजबूर हो जाते हैं चंद्रशेखर ने जो संघर्ष किया है उनके साथ-साथ उन्होंने जिन-जिन सामाजिक संगठनों को साथ दिया है उनमें कृषि बिल , पहलवान व CAA मुख्य हैं,वह अपने सैकड़ो समर्थकों के साथ दिल्ली गाजीपुर सीमा प्रदर्शन कर रहे किसानों क धरना में शामिल होकर और मांग के नए कर्षि क़ानूनों को तुरंत वापस लिए जाए जिस पूरा आंदोलन को समर्थन दिया । व्यक्ति किसानों के बीच में शामिल हुए साथ ही साथ वह पहलवानों के साथ भी जंतर मंतर पर काफी शक्िय रहे ।

इसी तरह का कोई भी समाज सुधार या गरीब – किसान की लड़ाई होती है उसमें बड चड के हिस्सा लेते हैं ।
उनके राजनीतिक कैरियर की करते हैं उन्होंने सतीश कुमार और विनय रतन सिंह के साथ 2014 में भीम आर्मी की स्थापना की जो एक सामाजिक संगठन है जो भारत में शिक्षा के माध्यम से दलित व गरीब की मुक्ति के लिए काम करता है वह पश्चिम उत्तर प्रदेश में दलित व गरीब बच्चों के लिए मुक्त स्कूल भी चलता है ।

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आजाद समाज पार्टी की स्थापना
आजाद समाज पार्टी (काशीराम ) एक भारतीय राजनीतिक दल है जिसे औपचारिक रूप से 15 मार्च 2020 को चंद्रशेखर रावण द्वारा लांच किया गया था कि यह घोषणा बहुजन समाज पार्टी की संस्थापक मान्यवर काशीराम की 86 वीं जयंती पर लॉन्च किया गया था

उनको सहारनपुर हिस्सा की घटना के सिलसिले में गिरफ्तार किया गया था चंद्रशेखर को उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम के तहत गिरफ्तार किया गया था बाद में इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने जमानत दे दी दिल्ली पुलिस ने दिल्ली में जमा मस्जिद से जंतर मंतर तक से करके विरोध मार्च की अनुमति इनकार कर दिया था उन्होंने जमा मस्जिद में विरोध प्रदर्शन किया पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार किया हिरासत में रखा गया था।

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आजाद ने विरोध प्रदर्शन में भाग लेने के लिए हैदराबाद में भी गिरफ्तारी दी थी ।
तुगलकाबाद में श्री गुरु रविदास गुरुघर के विध्वंस के विरोध में उन्हें गिरफ्तार किया गया था॥
हाथरस सामूहिक बलात्कार मामले के विरोध में उन्हें 500 भीम आर्मी सदस्यों के साथ गिरफ्तार किया गया था इन सभी को हाथरस में दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 144 के उल्लंघन के लिए आईपीसी और महामारी रोग नियम की कई धाराओं के अंतर्गत गिरफ्तार किया गया था ।

कई जगह चंद्रशेखर रावण का विरोध भी हुआ है जैसा कि हरियाणा की जीदं में चंद्रशेखर रावण का जमकर विरोध हुआ वह प्रचार के लिए पहुंचे तो बाल्मीकि समाज के लोगों ने काले झंडे और जूते दिखाकर विरोध किया अन्य दलित समाज के लोगों को कहना है कि वह एक जाटव और मुसलमान के नेता हैं जंतर मंतर पर मुसलमानों के कार्यक्रम को संबोधन करते हुए जय भीम बोल दिया था तो मुसलमानों ने मंच पर धक्का मुखी करी और भीड़ में विरोध बढ़ता देख चंद्रशेखर रावण मंच छोड़कर कर निकल।

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