भारत एक ऐसा देश है, जहाँ हर त्यौहार का अपना एक विशेष महत्व और पहचान होती है।
2 November 2024 20:57 IST
| लेखक:
The Pillar Team
Festivals
भारत एक ऐसा देश है, जहाँ हर त्यौहार का अपना एक विशेष महत्व और पहचान होती है। इन्हीं त्यौहारों में से एक है भाई दूज, जिसे भैया दूज के नाम से भी जाना जाता है। भाई दूज का त्यौहार भारतीय संस्कृति में भाई-बहन के अटूट प्रेम और स्नेह का प्रतीक है। यह दीपावली के दो दिन बाद मनाया जाता है, जब बहनें अपने भाइयों की लंबी उम्र और खुशहाली के लिए प्रार्थना करती हैं।
भाई दूज का पौराणिक महत्व
पौराणिक कथाओं के अनुसार, भाई दूज का सम्बन्ध यमराज और उनकी बहन यमुनाजी से जुड़ा हुआ है। कहा जाता है कि यमराज अपनी बहन यमुनाजी से मिलने गए थे। यमुनाजी ने अपने भाई का बड़े आदर के साथ स्वागत किया, उन्हें तिलक लगाकर भोजन करवाया और उनकी लंबी उम्र की कामना की। यमराज इस प्रेम से इतने प्रसन्न हुए कि उन्होंने यमुनाजी को वरदान दिया कि हर साल इस दिन जो भी भाई अपनी बहन से तिलक करवाएगा, उसकी रक्षा की जाएगी और उसे लंबी उम्र का आशीर्वाद मिलेगा।
भाई दूज का महत्व
भाई दूज के त्यौहार का सांस्कृतिक महत्व भारतीय समाज में बहुत गहरा है। यह न केवल भाई-बहन के प्रेम को प्रकट करता है, बल्कि भारतीय परिवारों में स्नेह और समर्पण की भावना को भी बढ़ावा देता है। बहनें इस दिन अपने भाइयों की सलामती की प्रार्थना करती हैं और भाई अपने बहनों की सुरक्षा और सुख-समृद्धि की जिम्मेदारी लेने का वचन देते हैं।
भाई दूज कैसे मनाया जाता है?
भाई दूज के दिन बहनें अपने भाइयों को तिलक लगाकर, उनके हाथों में मिठाई रखकर इस विशेष अवसर को मनाती हैं। इसके बाद भाई अपनी बहन को उपहार देते हैं, जो कि उनके प्रेम और आदर को दर्शाता है। इस दिन बहनें अपने भाइयों को भोजन भी कराती हैं, जिसे शुभ माना जाता है। परिवार के लोग इस अवसर को मिलकर मनाते हैं और एक-दूसरे के साथ खुशियां बांटते हैं।
भाई दूज का आधुनिक दौर में महत्व
भाई दूज आज भी उतना ही महत्वपूर्ण है, जितना पहले हुआ करता था। भले ही समय के साथ रीति-रिवाजों में थोड़े बदलाव आए हों, लेकिन इस त्यौहार का सार वही है। यह त्यौहार भाई-बहन के रिश्ते को और मजबूत बनाता है और समाज में प्रेम और एकता की भावना को बढ़ावा देता है।
निष्कर्ष
भाई दूज केवल एक त्यौहार नहीं है, बल्कि भाई-बहन के बीच के स्नेह, विश्वास और संकल्प का प्रतीक है। यह भारतीय संस्कृति का एक अभिन्न हिस्सा है, जो हर साल परिवारों में खुशियों की एक नई लहर लेकर आता है। भारतीय समाज में इस त्यौहार का महत्व आज भी उतना ही गहरा है और यह आने वाली पीढ़ियों को भी भाई-बहन के रिश्ते की विशेषता से परिचित कराता है।