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MP Assembly Election 2023: मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव के लिए टिकट बंटवारे के बाद पार्टियों में बगावत शुरू हो गई है।

  यह लेख 19 October 2023 का है।

MP Assembly Election 2023: मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव के लिए टिकट बंटवारे के बाद पार्टियों में बगावत शुरू हो गई है।

MP Assembly Election 2023

कुछ को दूसरी पार्टी से टिकट भी गई है. तो किसी को दूसरी पार्टी में टिकट मिलने की उम्मीद है. जानते हैं ऐसे ही नेताओं के बारे में जो टिकट बंटवारे के बाद बागी हो गए। मध्य प्रदेश में भी विधानसभा चुनावों को लेकर उम्मीदवारों की लिस्ट सामने आने के बाद तमाम राजनीतिक पार्टियों में बगावत शुरू हो चुकी है।

हालांकि, चुनाव में जनता के बीच जाने से पहले ही पार्टियों को भीतर ही भीतर भी लड़ना पड़ता है. वो भी टिकट बंटवारे को लेकर. टिकट नहीं मिलने पर पार्टी के खिलाफ बगावत करना राजनीति में नया नहीं है. जिसे टिकट नहीं मिलता, उनमें से बहुत से ऐसे होते हैं जो या तो पार्टी ही छोड़ देते हैं। या फिर निर्दलीय ही चुनाव में उतार जाते हैं।
मध्यप्रदेश में चुनाव के लिए उम्मीदवारों की लिस्ट आते ही पार्टीयों में आरोप प्रत्यारोप का सिलसिला शुरू होगया जिसके बाद कई उम्मीदवारों ने अपनी पार्टी के साथ बगवात कर दिया तो आइये जानते हैं वो कौन कौन से उम्मीदवार हैं जो बाघी हो गए।

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  1. ममता मीना : गुना चचेरा सीट से भाजपा की विधायक थी। टिकट नहीं मिला तो आम आदमी पार्टी में शामिल हो गयी.
  2. रक्षपाल सिंह : भिंड विधानसभा से टिकट न मिलने की लालच में बहुजन समाज पार्टी में शामिल हो गए।
  3. रसाल सिंह : भाजपा के पूर्व विधायक , भिंड जिले की लाहर सीट से टिकट न मिलने पर भाजपा छोड़कर बीएसपी में शामिल हो गए।
  4. केदार कंसाना : कांग्रेस ग्वालियर दक्षिण सीट से टिकट न मिलने होकर पार्टी इस्तीफ़ा दे दिया और चुनाव लड़ने का ऐलान किया।
  5. विवेक यादव : उज्जैन उत्तर कांग्रेस से टिकट न मिलने पर बागी होगये , माना जारहा की अगर टिकट नहीं मिला आप में शामिल हैं।
  6. छाताभुज तोमर: कांग्रेस की कालापीपल विधानसभा सीट से टिकट मांग रहे थे ,टिकट न मिलने पर आम आदमी पार्टी में शामिल होगये।
  7. घोई राम पटेल : छतरपुर में भाजपा के जिलाध्यक्ष थे राजनगर से टिकट नहीं मिलने पर आम पार्टी में चले गए


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