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राजस्थान चुनाव लेकर एक बड़ी खबर आ रही है…

  यह लेख 19 October 2023 का है।

राजस्थान चुनाव लेकर एक बड़ी खबर आ रही है…

Congress VS BJP

राजस्थान चुनाव लेकर एक बड़ी खबर आरही है जी हाँ राजस्थान में विधानसभा चुनाव के लिए 25 नवंबर को वोट डाले जाने वाले हैं और इसके लिए भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने अब तक 41 उम्मीदवारों के नाम की घोषणा की है, लेकिन वसुंधरा राजे (Vasundhara Raje) के समर्थकों को टिकट नहीं मिलने से कार्यकर्ता नाराज हैं और लगातार विरोध दर्ज करा रहे हैं. ऐसा ही कुछ मामला मंगलवार (17 अक्टूबर) को झोटवाड़ा विधानसभा क्षेत्र में देखने को मिला, जब बीजेपी सांसद और केंद्रीय मंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौड़ (Rajyavardhan Singh Rathore) को काले झंडे दिखाए गए.

आपको बता दे की बीजेपी को अभी 159 सीटों के लिए उम्मीदवारों की घोषणा करनी है, जबकि कांग्रेस ने भी अब तक किसी नाम का ऐलान नहीं किया है. इसको लेकर कांग्रेस की बैठक चल रही है, जिसमें नामों पर फैसला किया जाएगा.अब बीजेपी के अंदर शुरू हुई अंदरूनी गुटबाजी से कांग्रेस के लिए चैलैंज बढ़ गया है.

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अब बात करते हैं की राज्यवर्धन सिंह राठौड़ को क्यों करना पड़ रहा विरोध का सामना?

भारतीय जनता पार्टी (BJP) सांसद राज्यवर्धन सिंह राठौड़ (Rajyavardhan Singh Rathore) को उस समय काले झंडे दिखाए गए, जब उन्होंने और उनके समर्थकों ने झोटवाड़ा विधानसभा क्षेत्र में चुनाव प्रचार शुरू किया. राठौड़ को पूर्व मंत्री राजपाल सिंह शेखावत के समर्थकों ने काले झंडे दिखाए और ‘कर्नल कहना मान ले, बोरिया बिस्तर बांध ले’ और ‘झोटवाड़ा में एक ही नाम, राजपाल, राजपाल’. के नारे लगाए. इसके बाद राठौड़ ने प्रदर्शनकारियों को मिठाई खिलाकर शांत करने की कोशिश की, लेकिन प्रदर्शनकारी नहीं माने और उनके खिलाफ नारे लगाते रहे.

Rajyavardhan Singh Rathore

बता दें कि पूर्व मंत्री राजपाल सिंह शेखावत ने झोटवाड़ा विधानसभा सीट से विधायक थे और 2018 के विधानसभा चुनाव में हार गए थे. वह पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे सरकार में कैबिनेट मंत्री थे. अब बीजेपी ने झोटवाड़ा विधानसभा सीट से जयपुर ग्रामीण से सांसद राज्यवर्धन सिंह राठौड़ को चुनाव मैदान में उतारा है, लेकिन पार्टी के इस फैसले से राजपाल सिंह के समर्थन नाराज हैं.

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बीजेपी में गुटबाजी (Congress) के लिए भी बड़ी चुनौती बन गई है, क्योंकि पार्टी के अंदर भी टिकट बंटवारे के बाद गुटबाजी शुरू हो सकती है. सीएम अशोक गहलोत और पूर्व मुख्यमंत्री सचिन पायलट के बीच लंबे समय से कलह चला आ रहा है और जानकार मानते हैं कि टिकट बंटवारे के बाद दोनों के समर्थकों के बीच खींचतान शुरू हो सकता है. कांग्रेस ने 3 राज्यों के लिए पहली सूची जारी कर दी है, लेकिन राजस्थान के लिए अब तक सूची नहीं जारी की है और इसकी वजह अशोक गहलोत और सचिन पायलट गुट की खेमेबाजी ही देरी वजह हो सकती है.

जिताऊ उम्मीदवार को टिकट देने के पक्ष में कांग्रेस

कांग्रेस पार्टी राजस्थान के मौजूदा विधायकों को टिकट देने के बजाय जीत का फॉर्मूला बनाकर टिकट देना चाहती है. अशोक गहलोत और सचिन पायलट भी इस बात का जिक्र कर चुके हैं. हाल ही में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) ने अपना रुख स्पष्ट करते हुए कहा था कि उम्मीदवार के जीतने का माद्दा भी देखा जाएगा और इसी के आधार पर टिकट दिया जाएगा.

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बता दें कि चुनाव आयोग (ECI) ने हाल ही में राजस्थान विधानसभा चुनाव (Rajasthan Assembly Election) के तारीख की घोषणा की थी और बताया था कि सभी 200 सीटों पर 25 नवंबर को वोट डाले जाएंगे. वहीं, वोटों की गणना 3 दिसंबर को होगी.


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