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2024 विधानसभा चुनाव: हरियाणा, महाराष्ट्र और जम्मू-कश्मीर में राजनीतिक हलचल

2024 विधानसभा चुनाव: हरियाणा, महाराष्ट्र और जम्मू-कश्मीर में राजनीतिक हलचल

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2024 के विधानसभा चुनावों का समय नज़दीक आ रहा है, और इस दौरान कई राज्यों में राजनीतिक गतिविधियाँ तेजी से बढ़ रही हैं। विशेष रूप से हरियाणा, महाराष्ट्र, और जम्मू-कश्मीर में चुनावी सरगर्मी अपने चरम पर है। ये चुनाव न केवल स्थानीय मुद्दों पर केंद्रित हैं, बल्कि यह भी तय करेंगे कि देश की राजनीतिक दिशा अगले कुछ वर्षों में किस ओर जाएगी।

हरियाणा चुनाव परिणाम
हरियाणा में हाल ही में हुए विधानसभा चुनावों के परिणाम अब सामने आ चुके हैं। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी के नेतृत्व में फिर से सत्ता में वापसी की है। चुनाव में भाजपा ने 75 सीटों में से 45 सीटें जीती हैं, जबकि कांग्रेस ने 20 सीटें प्राप्त कीं। आम आदमी पार्टी को इस बार कोई खास सफलता नहीं मिली, और उसने केवल 5 सीटों पर जीत दर्ज की।

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भाजपा की जीत का मुख्य कारण उनकी विकास योजनाएँ और पार्टी की मजबूत चुनावी रणनीति मानी जा रही है। हालांकि, विपक्षी दलों ने आरोप लगाया है कि सरकार ने किसानों की समस्याओं और बेरोजगारी जैसे मुद्दों को नजरअंदाज किया है। आगामी सरकार को इन चुनौतियों का सामना करना होगा।

महाराष्ट्र: सियासी दंगल की तैयारी
महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों की तारीख 20 नवंबर 2024 निर्धारित की गई है, और राज्य में राजनीतिक दलों के बीच मुकाबला तीव्र हो गया है। यहां, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा), शिवसेना, और कांग्रेस के बीच त्रिकोणीय संघर्ष की संभावना है।

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शिवसेना, जो पहले भाजपा के साथ सत्ता में थी, अब महाविकास अघाड़ी (शिवसेना, एनसीपी, और कांग्रेस का गठबंधन) के साथ चुनावी मैदान में उतर रही है। उद्धव ठाकरे के नेतृत्व में, शिवसेना ने अपने कार्यकाल में सामाजिक मुद्दों को उठाया है। भाजपा इस बार अपनी ताकत को मजबूत करने के लिए एक मजबूत रणनीति के साथ आगे बढ़ रही है, जिसमें प्रधानमंत्री मोदी की रैलियाँ भी शामिल हैं।

जम्मू-कश्मीर में चुनाव परिणाम
जम्मू-कश्मीर में हाल ही में संपन्न विधानसभा चुनावों ने एक नई राजनीतिक तस्वीर पेश की है। चुनाव 18 सितंबर से 1 अक्टूबर 2024 के बीच हुए, और परिणाम 8 अक्टूबर को घोषित किए गए। नेशनल कॉन्फ्रेंस और कांग्रेस के गठबंधन ने चुनाव में शानदार प्रदर्शन किया, जिससे उमर अब्दुल्ला की राजनीतिक स्थिति मजबूत हुई है।

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भाजपा ने भी जम्मू-कश्मीर में अपनी उपस्थिति को बढ़ाने की कोशिश की थी, लेकिन परिणामों ने उनके प्रयासों को चुनौती दी। चुनाव में जनादेश ने दिखाया है कि लोग नेशनल कॉन्फ्रेंस और अन्य स्थानीय दलों के प्रति अधिक आकर्षित हो रहे हैं, जो क्षेत्रीय मुद्दों पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं।

इन विधानसभा चुनावों का नतीजा न केवल संबंधित राज्यों की राजनीति को प्रभावित करेगा, बल्कि यह भी तय करेगा कि 2024 के लोकसभा चुनावों में देश की राजनीतिक दिशा क्या होगी। आगामी चुनावों में मतदाता अपने अधिकारों का उपयोग करते हुए उन मुद्दों को प्राथमिकता देंगे जो उनके लिए सबसे महत्वपूर्ण हैं। इस प्रकार, हरियाणा, महाराष्ट्र, और जम्मू-कश्मीर में हो रहे चुनावों पर देश की नजरें टिकी हुई हैं।

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